Chandigarh a Pregnant Woman Painful Emotional Story
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आना तो खुशियों को था पर मौत आ गई: चंडीगढ़ की इस बेहद दर्दनाक कहानी को जान सिहर उठता है कलेजा, पढ़ियेगा जरूर

Chandigarh a Pregnant Woman Painful Emotional Story

Chandigarh a Pregnant Woman Painful Emotional Story

मौत... जिंदगी पर से इसका साया कभी नहीं जाता है| यह पूरी जिंदगी एक साये की तरह पीछा करती है और आखिर में एक वो समय आता है जब जिंदगी पर यह दबे पांव अपना पंजा मार उसे अपने आप में जकड़ लेती है| इसलिए सही ही कहते हैं कि ''जिंदगी तो बेवफा है एक दिन ठुकराएगी, मौत तो महबूबा है साथ लेकर जाएगी.....'|

लेकिन कई बार लगता है कि मौत गलत समय पर आ गई है, इसे ऐसे समय पर कतई नहीं आना चाहिए था| आप देखते होंगे कि कई परिवार में ऐसे लोगों की अचानक मौत हो जाती है, जिनके बिना परिवार का पालन-पोषण करने वाला कोई नहीं था| तो वहीं कभी कोई खुशियों की आस तक रहा होता है और ऐसे में मौत अपनी दस्तक दे देती है और एक पल में सब खत्म कर देती है|

हम अक्सर यह भी देखते हैं कि हमारे बीच से कई ऐसे लोग ऐसे अचानक से चले जाते हैं कि बाद में हमारे मुंह से बस यही निकलता है कि अरे इसको तो उस दिन देखा था.... उससे उस दिन मिला था| वह वहां बातें कर रहा था| बस इसी तरह की बातें फिर रह जाती हैं| इसीलिए कहते हैं कि जिंदगी में कुछ नहीं है बस प्रेम से दो बोल बोल लीजिये... सबसे स्नेह रखिये और अपनी मानवता से जितना हो सके, मदद और कल्याण करने का भाव रखिये| क्योंकि इस जिंदगी का कुछ पता नहीं, यह आपको छोड़कर कब रवाना हो जाये|

वहीं, अब आप सोच रहे होंगे कि हम मौत पर इतनी चर्चा क्यों कर रहे हैं और इतना ज्यादा भावुक क्यों हो रहे हैं| तो आपको बतादें कि, एक ऐसी दर्दनाक कहानी हमारे सामने आई है, जिसने हमें अंदर तक बेहद ज्यादा झकझोर कर दिया है| यह दर्दनाक कहानी चंडीगढ़ शहर से सामने आई है| जहां एक परिवार में खुशियों का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था लेकिन शायद भगवान को परिवार की खुशियां मंजूर न थी| तभी तो आज परिवार में मातम की स्थिति है| जहां कल तक खुशियों का अहसास हो रहा था वहां आज दिल को चीरती हुई सन्नाटे की गूंज सुनाई दे रही है|

हुआ क्या अब बताएंगे भी.....

अब आप बेसब्र हो रहे होंगे कि यह दर्दनाक कहानी किसकी है, हुआ क्या है? दरसअल, इस दर्दनाक कहानी को बयां किया जा सके, इसके लिए शब्द समझ नहीं आ रहे हैं, हाथ में कम्पन की स्थिति है| लेकिन फिर भी इस दर्दनाक कहानी को आपतक पहुंचाने के लिए हम आगे आ रहे हैं|

एक महिला से जुड़ी है कहानी...

बतादें कि, यह पूरी दर्दनाक कहानी एक महिला से जुड़ी हुई है| महिला की जिंदगी और उसके परिवार में उस वक्त खुशियों को ढोल बजता है, जब यह पता चलता है कि महिला प्रेग्नेंट है| अब सब सोच रहे थे कि घर में जल्दी ही नन्हा मेहमान आएगा| खासकर, महिला के अंदर एक मां की ममता फूट रही थी कि उसका बच्चा जल्द ही उसकी गोद में होगा| किलकारी मारेगा| वह उसे अपने सीने से लगाएगी| दुलार करेगी| इधर, इसी सब सोच के साथ समय आगे बढ़ता गया| अब जब आठवां महीना शुरू हो गया तो महिला के साथ बच्चे को लेकर सबकी चाहत और ज्यादा बढ़ने लगी| अब तो मानो मन के अंदर बार-बार यह बात उठ रही थी कि अब बस और कितना समय| अब तो कब आएगी वो शुभ घड़ी जब बच्चे की किलकारी से घर का आंगन, मां की गोद और पिता की खुशी चहचा उठेगी| मगर... ये सारे अरमान पल भर में ऐसे भी खाक होंगे, ये किसी ने नहीं सोचा था| जो महिला मां बनकर अपने बच्चे को कलेजे से लगाना चाहती थी, वो अब ......

ऐसा तो न होता..... महिला के देवर की पूरी जुबानी ...

बतादें कि, यह दर्दनाक कहानी चंडीगढ़ के सेक्टर- 29 इलाके की है| अब महिला और बच्चे दोनों की मौत हो चुकी है| महिला के पति को तो गहरा सदमा लगा हुआ है इसलिए महिला के देवर प्रमोद ने रुंधे गले से पूरी दर्दकहानी से हमें अवगत कराया है| प्रमोद के अनुसार, महिला को जब अचानक दर्द हुआ तो सब घबरा गए और उसे शहर में 22 की डिस्पेंसरी में ले जाया गया| जहां यहां से कुछ दवाई देकर यह कहकर घर भेज दिया गया कि कुछ नहीं, ऐसा दर्द इस स्थिति में होता रहता है| ठीक हो जाएगा| लेकिन इसके बाद जब महिला घर आई तो देर रात में उसे और ज्यादा दर्द होने लगा| इस बीच जब वह टॉयलेट गई तो फिर यहां जो हुआ उसे जानकर मन सिहर उठता है|

देवर प्रमोद के मुताबिक, महिला की टॉयलेट के दौरान ही अचानक से प्री-मैच्योर डिलीवरी हो गई| इस दौरान जहां बच्चे की मौत हुई तो वहीं महिला भयंकर भयानक दर्द से कराह रही थी| महिला की बिगड़ती हालत के बीच आनन-फानन में उसे फिर से 22 की डिस्पेंसरी में ले जाया गया| लेकिन प्रमोद बताते हैं कि यहां उसे एडमिट नहीं किया गया| वो इसलिए क्योंकि डिस्पेंसरी का कार्ड हम घर भूल गए थे| प्रमोद के मुताबिक, अगर 22 की डिस्पेंसरी में तुरंत इलाज मिल जाता तो खैर... जिसके बाद महिला को फिर 32 के अस्पताल ले जाया गया| जब 32 के अस्पताल पहुंचे तो यहां से फिर PGI रेफर कर दिया गया|  जब PGI आये तो यहां महिला को मृत डिक्लेयर कर दिया गया| बरहाल,  महिला की सांसे अब टूट चुकी थीं| अब न तो कोई बच्चा आने वाला था और न ही इस महिला की कभी मौजूदगी| बच्चा और महिला दोनों पल भर में हमेशा के लिए अलविदा कह गए .....